RUMORED BUZZ ON BAGLAMUKHI SHABHAR MANTRA

Rumored Buzz on baglamukhi shabhar mantra

Rumored Buzz on baglamukhi shabhar mantra

Blog Article



आन हरो मम संकट सारा, दुहाई कामरूप कामाख्या माई की।‘‘

यहाँ पर उल्लिखित शाबर मन्त्र के सम्बन्ध में अनुभवी साधकों का यह निष्कर्ष है कि यह परमशक्तिशाली मन्त्र है और इसका प्रयोग कभी निष्फल नहीं होता है। यह प्रबल बगलामुखी शत्रु विनाशक मंत्र है। इसका सिद्धि-विधान भी अत्यन्त ही सरल है। इसके लिए साधक को यह निर्देश है कि भगवती बगला की सम्यक् उपासना एवं उपचार के उपरान्त प्रतिदिन दो माला जप एक महीने तक करें। इतने अल्प समय और अल्प परिश्रम से ही यह मन्त्र अपना प्रभाव प्रकट करने लगता है।

चलत्-कनक-कुण्डलोल्लासित-चारु-गण्ड-स्थलां।

तां खेचरां स्मेर-वदनां, भस्मालङ्कार-भूषिताम् । विश्व-व्यापक-तोयान्ते, पीत-पद्मोपरि-स्थिताम् ।।

oṃ sau sau sutā samundara ṭāpū, ṭāpū meṃ thāpā, siṃhāsana pīlā, siṃhāsana pīle ūpara kauna baise? siṃhāsana pīlā ūpara bagalāmukhī baise। bagalāmukhī ke kauna saṃgī, kauna sāthī? kaccī baccī kāka kutiā svāna ciड़iyā। oṃ bagalā bālā hātha mudagara māra, śatru-hṛdaya para svāra, tisakī jihnā khiccai। bagalāmukhī maraṇī-karaṇī, uccāṭana dharaṇī , ananta koṭi siddhoṃ ne mānī। oṃ bagalāmukhīrame brahmāṇī bhaṇḍe, candrasūra phire khaṇḍe-khaṇḍe, bālā bagalāmukhī namo namaskāra।

ऊँ ह्रीं क्लीं (व्यक्ति का नाम) मम वश्यं कुरु कुरु स्वाहा।

नमामि बगलां देवीमासव-प्रिय – भामिनीम् ।

कल्प- द्रुमाधो हेम-शिलां प्रविलसच्चित्तोल्लसत्-कान्तिम् ।

हेम-कुण्डल-भूषां च, पीत-चन्द्रार्ध-शेखराम् । पीत-भूषण-भूषां च, स्वर्ण-सिंहासन-स्थिताम‌्

कम्बु-कण्ठीं सु-ताम्रोष्ठीं, मद-विह्वल-चेतसाम् ।

Vashikaran shabar mantras are associated with certain beliefs and practices in Hinduism and in many cases are utilized to affect or entice anyone. Shabar Vashikaran Mantras are more info very simple nonetheless strong chants Employed in a mystical follow referred to as Vashikaran.

साबधान गुरू कृपा अत: दिक्षा के विना ये प्रयोग कतापी ना करें शत्रू दुबारा प्रत्यगरा , विपरीत प्रत्यंगरा आदि प्रयोग होने पर साघक को भयंकर छती का सामना करना पड़ सकता।

सर्व-विद्याकर्षिणीं च, सर्व-प्रज्ञापहारिणीम् । भजेऽहं चास्त्र-बगलां,सर्वाकर्षण-कर्मसु ।।

वादी मूकति, रङ्कति क्षिति-पतिर्वैश्वानरः शीतति ।

Report this page